1जनवरी 2005 को तथा उसके बाद नियुक्त हजारों कर्मचारी आगामी 13 मार्च को भोपाल में प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेंगे तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
Nps में प्रतिमाह मात्र 800 से ₹1000 तक ही पेंशन
ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1 जनवरी 2005 से मध्य प्रदेश में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर नई पेंशन योजना लागू की है जिसके तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर प्रतिमाह मात्र 800 से ₹1000 तक ही पेंशन प्राप्त हो रही है, जिससे बुढ़ापे में कर्मचारियों की आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है।
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी के कुल वेतन का 10% कटोत्रा किया जाता है तथा शासन की ओर से 12% राशि जमा की जाती है । इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है जिसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है।
इस प्रकार रिटायरमेंट तक शेयर मार्केट में जमा कुल राशि का रिटायरमेंट होने पर 60% कर्मचारी को नगद दिया जाता है तथा शेष 40% जमा राशि के ब्याज से प्राप्त राशि को पेंशन के रूप में कर्मचारी को प्रदान किया जाता है जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
यह जानकारी देते हुए पुरानी पेंशन बहाली संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान एवं महासचिव राजेश मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन को लगातार ज्ञापन के माध्यम से एवं धरना प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए मांग की गई किंतु शासन द्वारा कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है इसलिए अब मजबूरीवश कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। राजस्थान सरकार ने भी आज बजट सत्र के दौरान इस वित्तीय वर्ष में राजस्थान राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की घोषणा की है उसी के अनुरूप मध्य प्रदेश सरकार को भी तत्काल अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर देनी चाहिए ताकि उनका बुढ़ापा सुरक्षित हो सके।
यदि मध्यप्रदेश शासन शीघ्र ही पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने संबंधी कोई कदम नहीं उठाती है तो पूरे मध्यप्रदेश के कर्मचारी आगामी मार्च माह में राजधानी भोपाल में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करेंगे तथा मुख्यमंत्री से पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग करेंगे।
दिग्विजय सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष पुरानी पेंशन बहाली संघ म.प्र. मो. 9893648665